Thursday, 22 September 2011

Purani Jeans.....

ये दुनिया कितनी बदल चुकी,
रंगीन से ये बेरंग हुई,
ये दुनिया भी क्या दुनिया है,
इस दुनिया में वो बात नहीं,
ला सके उस दुनिया को फिर,
ऐसे अब हालात नहीं /

जो पहले दिन अनजाने थे,
अगले दिन वो दोस्त बने,
वो इक दिन पहले अनजाने,
फिर हमेशा हरदम साथ चले,
दोस्त तो अब भी बनते है,
पर उनमे वो जज़्बात नहीं


दोस्तों के संग पार्टियां की,
photo session भी ख़ूब किये,
वो दो साल का मस्ती धमाल,
हर पल के लिए अब अब याद बने,
पार्टियां तो अब भी होती है,
याद रखने वाली कोई बात नहीं /


वो पहली पहली presentation,
जब हम nervous हुआ करते थे,
अब proxy लगाने वाला कोई नही,
पहले तो mass bunk हुआ करते थे,
Presentations तो अब भी होती हैं,
देने का वो एहसास नहीं /


किताबों की जगह अब,
फाइलें हाथों में रहती है,
किताबें तो कुछ कहती थी,
पर फाइलें चुप चुप रहती हैं,
फाइलों को तो पढ़ लेते हैं अब,
पर interest वाली बात नहीं /


उस दुनिया में रहकर हमने,
इस दुनिया का सपना देखा था,
यहाँ आकार हमको पता चला,
वोह सपना खुद एक धोखा था,
उस दुनियां जाने का आये मौका,
तो मिल जाये शायद वही खुशी /

                                                                        Dk Prajapati

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